होशंगाबाद. तहसीलदार देवानंद गजभिये ने प्रमुख सचिव राजस्व को पत्र लिखकर 7 माह से वेतन नहीं मिलने और जिले में पदस्थापना नहीं होने की शिकायत की। इस शिकायत के 48 घंटे बाद ही प्रशासन ने उन्हें डोलरिया का तहसीलदार बना दिया। मंगलवार को उन्होंने ज्वाइन कर लिया। चूंकि गजभिये ने शिकायती पत्र में यहां तक लिखा था कि 7 माह से वेतन नहीं मिलने से मेरे घर में आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। वह भयभीत है और उनकी जान को खतरा है। मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने आनन-फानन में आदेश जारी किया और डोलरिया में पदस्थ किया।
मुझे पदस्थ नहीं कर सकते तो निलंबित कर दें: गजभिये
प्रमुख सचिव राजस्व से की शिकायत में तहसीलदार देवानंद गजभिये ने कहा था कि 12 अगस्त 2019 को इटारसी तहसीलदार बनाया था, लेकिन वहां 15 दिन सेवा देने के बाद मेरा तबादला बाबई कर दिया था। मैंने वहां जाने से इंकार किया और कोर्ट से स्टे भी ले आया, लेकिन इसके बाद न तो मुझे किसी जगह पदस्थ किया और न ही मुझे वेतन अगस्त 2019 से दिया है। मैं आर्थिक रूप से बहुत परेशान हूं। इतना ही नहीं होशंगाबाद में तहसीलदार की जगह खाली थी, लेकिन मेरी बजाए दूसरे तहसीलदार को पदस्थ कर दिया। मैं किसी दफ्तर में नहीं बैठ पा रहा हूं। मुझे यदि कुछ हो गया तो प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार होगा।
तहसीलदार गजभिए ने यहां तक कहा कि यदि मुझे पदस्थ नहीं कर सकते तो आप मुझे निलंबित कर दें, ताकि जीवन में मुझे निलंबन के दौरान भत्ता और आधा वेतन मिलता रहे। साथ ही प्रशासन के जिन अधिकारियों ने मुझे जाति सूचक संबोधित किया है उन पर कार्रवाई की जाए। यह शिकायत 8 फरवरी को की गई थी। दो दिन का अवकाश हो गया। सोमवार को यह पत्र प्रमुख सचिव को मिला। इधर प्रशासन ने मंगलवार को डोलरिया तहसीलदार बनाकर भेज दिया।